Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
दक्षिण 24 परगना जिला अंतर्गत काकद्वीप के तृणमूल कांग्रेस विधायक की करतूत ने राजनीतिक हलचल मचा दी
दक्षिण 24 परगना जिला अंतर्गत काकद्वीप के तृणमूल कांग्रेस विधायक की करतूत ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। विधायक मंटूराम पाखिरा ने स्वीकार किया है कि उनके क्षेत्र में बांग्लादेश से अवैध रूप से आए नागरिकों को 10-10 हजार रुपये की रकम लेकर पहचान पत्र और वोटर कार्ड जारी किए जा रहे हैं। इस पूरे खेल में स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत है।
विधायक का आरोप है कि एसडीओ और बीडीओ कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की सीधी भूमिका इस अवैध काम में है। मंटूराम पाखिरा ने कहा कि यह महज़ कुछ दलालों का काम नहीं है। इसके पीछे एक संगठित गिरोह है जिसमें प्रशासन के भीतर बैठे लोग शामिल हैं। इन अधिकारियों ने मोटी रकम लेकर बांग्लादेशी घुसपैठियों को वोटर बना डाला है।
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तृणमूल नेता ने ही खोली पार्टी और प्रशासन की पोल
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह आरोप किसी विपक्षी नेता का नहीं बल्कि खुद तृणमूल के ही विधायक का है। इससे साफ है कि इस अवैध प्रक्रिया में स्थानीय स्तर पर राजनीतिक और प्रशासनिक संरचना के बीच मजबूत गठजोड़ रहा है।
विधायक के अनुसार, रामकृष्ण, स्वामी विवेकानंद और प्रतापदित्यनगर ग्राम पंचायत क्षेत्रों में वोटरों की संख्या में अचानक उछाल आया है। जांच में सामने आया है कि बांग्लादेश से आए कई मछुआरे सालों से वहां रह रहे हैं और अब दलालों के ज़रिए नागरिकता जैसे दस्तावेज हासिल कर वोटर कार्ड बनवा रहे हैं।
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छह हजार मतदाताओं के खिलाफ शिकायत, जांच में चौंकाने वाले तथ्य
काकद्वीप उपजिला प्रशासन को विधायक ने ऐसे छह हजार संदिग्ध मतदाताओं की सूची सौंपी है। शुरुआती जांच में कुछ लोगों ने यह कबूल किया है कि उन्होंने पैसे देकर मतदाता सूची में नाम जुड़वाया। एक स्थानीय निवासी सुजन सरकार ने कहा कि हम यहां 35-36 साल से रह रहे हैं। मेरे पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है, लेकिन आधार कार्ड है। पहले मेरा नाम नहीं था, लेकिन जब पैसे दिए तो जुड़ गया।
एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि मेरी पत्नी पहले मतदाता बन गई थी। मैंने भी दस्तावेज जमा किए थे लेकिन कुछ नहीं हुआ। फिर तृणमूल पार्टी को 10 हजार रुपये दिए और चार-पांच साल पहले मेरा नाम जुड़ गया।
स्थानीय स्तर पर पड़ताल करने पर पता चलता है कि हजारों की संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिए मुस्लिम लोग यहां सालों से रह रहे हैं। इनके पास भारत के सारे पहचान पत्र हैं, जिससे आंतरिक सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता घर कर गई है।
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सीबीआई जांच की मांग, विपक्ष का हमला
विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मैंने पहले ही चेतावनी दी थी कि काकद्वीप में संगठित तरीके से फर्जी पहचान पत्र बन रहे हैं। एसडीओ मधुसूदन मंडल और डीएम सुमित गुप्ता जैसे अधिकारी इसमें लिप्त हैं। इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
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सरकार ने कहा –कार्रवाई शुरू, एफआईआर दर्ज
तृणमूल प्रवक्ता अरूर मुखर्जी ने सफाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फर्जी मतदाताओं के खिलाफ पहले ही सख्त निर्देश दे चुकी हैं। इस मामले में आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है और जांच जारी है।